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विवाह के कार्ड पे लडके के नाम के आगे-चिरंजीव तथा लडकी के नाम-के आगे आयुष्मति क्यों लिखा जाता है ?
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Thursday, 14 June 2018 02:25 PM
Yogesh
विवाह के कार्ड पे लडके के नाम के आगे-चिरंजीव तथा लडकी के नाम-के आगे आयुष्मति क्यों लिखा जाता है ? चिरंजीव 〰🌼〰 एक ब्राह्मण के कोई संतान नही थी, उसने महामाया की तपस्या की, माता जी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्राह्मण से बरदान माँगने को कहा:– ब्राह्मण ने बरदान में पुत्र माँगा। माता ने कहा :– मेरे पास दो तरह के पुत्र हैं । पहला दस हजार वर्ष जिएेगा लेकिन महा मूर्ख होगा । दूसरा, पन्द्रह वर्ष (अल्पायु ) जिऐगा लेकिन महा विद्वान होगा । किस तरह का पुत्र चहिए । ब्राह्मण बोला माता मुझे दूसरा वाला पुत्र दे...Read More
थोड़ा लंबा है पर पढियेगा जरूर
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Thursday, 14 June 2018 07:44 AM
Yogesh
थोड़ा लंबा है पर पढियेगा जरूर एक लड़का था. बहुत ब्रिलियंट था. सारी जिंदगी फर्स्ट आया. साइंस में हमेशा 100% स्कोर किया. अब ऐसे लड़के आम तौर पर इंजिनियर बनने चले जाते हैं, सो उसका भी सिलेक्शन हो गया IIT चेन्नई में. वहां से B Tech किया और वहां से आगे पढने अमेरिका चला गया. वहां से आगे की पढ़ाई पूरी की. M.Tech वगैरा कुछ किया होगा फिर उसने यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफ़ोर्निआ से MBA किया. . अब इतना पढने के बाद तो वहां अच्छी नौकरी मिल ही जाती है. सुनते हैं कि वहां भी हमेशा टॉप ही किया. वहीं नौकरी करने लगा...Read More
एक बार पढ़े जरूर
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Sunday, 10 June 2018 02:15 PM
Yogesh
आज राजेश और पल्लवी के घर ख़ुशी का माहौल था और हो भी क्यों नहीं आज 5 साल बाद उनके घर बेटे का जन्म जो हुआ है | दोनों उसका नाम सोचने में लग गए और finally उसका नाम रखा गया लक्ष्य | राजेश और पल्लवी अपनी संतान के बारे में कई सपने भी देख रखे हैं वो दोनों ने पहले से ही सोच रखा है वो अपने बेटे को Doctor बनाएंगे | जैसे ही लक्ष्य 4 साल का हुआ उसका admission शहर के अच्छे School में करा दिया गया | लक्ष्य बचपन से ही बहुत ही अच्छी Painting बनाता | किसी को यकीन ही नहीं होता की ये पेंटिंग 4 साल के बच्चे ने बनायी...Read More
मिसिंग टाइल सिंड्रोम
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Sunday, 10 June 2018 02:11 PM
Yogesh
मिसिंग टाइल सिंड्रोम एक मनोवैज्ञानिक समस्या है जिसमें हमारा सारा ध्यान जीवन की उस कमी की तरफ रहता है जिसे हम नहीं पा सके हैं | और यहीं बात हमारी ख़ुशी चुराने का सबसे बड़ा कारण है। . जिन्दगी में कितना कुछ भी अच्छा हो, हम उन्हीं चीजों को देखते हैं जो *मिसिंग* हैं और यही हमारे दुःख का सबसे बड़ा कारण है। क्या इस एक आदत को बदल कर हम अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं ? मिसिंग टाइल सिंड्रोम - एक बार की बात है एक छोटे शहर में एक मशहूर होटल ने अपने होटल में एक स्विमिंग पूल बनवाया। स्विमिंग पूल के च...Read More
महाशिवरात्रि 2018 यहां जानें भगवान शिव की आराधना का शुभ समय
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Tuesday, 13 February 2018 10:00 AM
KETAN
महाशिवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है, हिंदू कैलेंडर के फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक का महत्व माना जाता है और इस दिन भगवान शिव के पूजन से सभी रोग और शारीरिक दोष समाप्त हो जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये पर्व जनवरी या फरवरी के माह में आता है, इस वर्ष 14 फरवरी 2018 को महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में शिव भक्तों द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा था कि आ...Read More
खुलासा- कंप्यूटर पर काम करते समय भी लगाएं सनस्क्रीन नहीं तो
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Tuesday, 04 July 2017 11:43 AM
Er. Kanhaiya Yadav
हॉलीवुड हस्तियों के खास डॉक्टर हॉवर्ड मुराद का कहना है कि स्मार्टफोन और कंप्यूटर स्क्रीन से निकलने वाली अल्ट्रावायलट किरणें त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसलिए कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करते समय भी हमें सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। टेलर स्विफ्ट, जेनिफर लोपेज और जेरी हॉल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मुराद का कहना है कि कंप्यूटर और स्मार्टफोन का असर हमारी त्वचा पर असर धूप जितना ही हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञ पहले भी सूरज से निकलने वाली खतरनाक अल्ट्रावायलट किरणों को हमारी त्वचा के लिए ...Read More
सबसे बड़ा रोग – क्या कहेंगे लोग
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Wednesday, 31 May 2017 01:32 PM
Er. Kanhaiya Yadav
हमारे आस पास के माहौल में हमें बहुत सारे लोग ऐसे मिल जायेंगे जो बोलते होंगे
तेरे बस की बात नहीं है
शक्ल देखी है अपनी
भाई इतना आसान नहीं है
अपने मार्क्स देखे हैं कोई नौकरी पे भी नहीं रखेगा
तो दोस्तों मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि आपको इन लोगों पे ज्यादा विश्वास है या खुद पे? आपक खुद को बेहतर जानते हैं या ये लोग आपके बारे में ज्यादा जानते हैं? आप अपनी जिंदगी अपनी तरह से चलाना चाहते हो या इनकी तरह से?
ये जिंदगी आपकी है, लाइफ दोबारा दोबारा चांस नहीं देती...Read More
यह न सोचें कि आपके साथ वाले कहां से कहां पहुंच गये
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Friday, 26 May 2017 11:33 AM
Er. Kanhaiya Yadav
कल्पना करें कि आप व्यस्त ट्रैफिक में सड़क के बीच बाइक पर हैं और बाइक खराब हो गयी. उस वक्त जिस तेजी से बाकी गाड़ियां आपको भागती नजर आती हैं, उससे दिल में बेचैनी बढ़ जाती है. लगता है वे तो मंजिल तक पहुंच जायेंगे और आप कितना पीछे रह गये.
कुछ ऐसी ही बेचैनी कई बार लोगों को अपने कैरियर को लेकर होती है. उन्हें लगता है कि कैरियर की रेस में वे काफी पीछे रह गये हैं और उनके साथ के लोग काफी आगे निकल गये हैं.
पिछले दिनों लंबे समय बाद कॉलेज के एक मित्र के घर जाना हुआ. वह सरकारी अधिकारी हैं. ठ...Read More
अतुलनीय~सत्य
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Wednesday, 03 May 2017 04:59 PM
KETAN
यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन में टी.टी.ई. को एक पुराना फटा सा पर्स मिला। उसने पर्स को खोलकर यह पता लगाने की कोशिश की कि वह किसका है। लेकिन पर्स में ऐसा कुछ नहीं था जिससे कोई सुराग मिल सके। पर्स में कुछ पैसे और भगवान श्रीकृष्ण की फोटो थी। फिर उस टी.टी.ई. ने हवा में पर्स हिलाते हुए पूछा -"यह किसका पर्स है?" एक बूढ़ा यात्री बोला -"यह मेरा पर्स है। इसे कृपया मुझे दे दें।"टी.टी.ई. ने कहा -"तुम्हें यह साबित करना होगा कि यह पर्स तुम्हारा ही है। केवल तभी मैं यह पर्स तुम्...Read More
रफ्तार तभी अच्छी लगती है जब उसकी जरूरत हो
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Friday, 21 April 2017 04:54 PM
Er. Kanhaiya Yadav
आपने गौर किया होगा कि आपके ऑफिस में अक्सर तेज गति से काम निबटा लेने की कला में माहिर लोगों की तारीफ होती है. यह सब देख-सुन कर आपको लगता होगा कि सभी को तेजी से काम निबटाने चाहिए. एक जमाना था, जब आप-हम हर काम तसल्ली से किया करते थे, पर अब प्रतिस्पर्धा का जमाना है. आगे बढ़ने की होड़ है. इस कंपीटीशन के दौर में जो जितनी जल्दी काम कर रहा है, उसे सफलता का उतना ही बड़ा तमगा दिया जा रहा है. अगर आपको भी अपने जॉब में रफ्तार पसंद है, तो एक सीमा तक तो यह ठीक है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि क्या लांग टर्म मे...Read More
बहाने अब बदल दीजिये
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Wednesday, 19 April 2017 05:18 PM
Kanhaiya Jee
फर्ज कीजिए, आप ऑफिस में काम कर रहे हैं. आपके बगल में आपका कलीग बैठा है. काम के साथ-साथ कुछ मजेदार बातें भी हो रही हैं. फिर अचानक आपका मोबाइल रिंग करता है. दूसरी तरफ आपके बॉस की आवाज आती है. आपसे कहा जाता है कि आपको एक महीने के लिए दूसरे शहर के ब्रांच में काम करना है. वहां आपकी जरूरत है. ऐसे में आपका रिएक्शन क्या होगा? सोच कर ही डर लगता है न. उफ, कैसे होगा मैनेज?
पर कंफर्ट जोन से बाहर आना अब जरूरी है. ज्यादातर लोगों ने अपने आसपास और खुद के अंदर एक दुनिया बना ली है और उन्हें बस इसी दुनिया मे...Read More
कृषि पर बल
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Monday, 06 February 2017 07:32 PM
NAVENDU NAVIN
भारत एक कृषि प्रधान देश है, साथ ही यहाँ की अधिकतम आबादी कृषि कार्य में ही संलग्न है;फिर भी ये लोग अपनी ख़राब आर्थिक स्थिति के कारण खुश नहीं है।इसका सबसे बड़ा कारण है कि कृषि एवं पशुपालन के नाम पर केवल क़ानून बनाना एवं कागज़ी खानापूर्ति करना और किसानों की वास्तविक समस्याओं की ओर ध्यान न देना। कृषि एवं पशुपालन अर्थ व्यवस्था का अहम हिस्सा है साथ ही दोनों के बीच अन्योनाश्रय समबन्ध भी है। यदि इस क्षेत्र में सही रूप से काम किया जाए तो यह देश को अकेला विकसित बना सकता है। गौरतलब हो कि कनाडा और अर्जेंटाइन...Read More
सुबह का ज्ञान - खुद को पहचान लो, दुनिया कीमत अपने आप समझ में आ जाएगी
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Thursday, 05 January 2017 03:08 PM
Kanhaiya Jee
एक बार भगवान बुद्ध के पास एक व्यक्ति पहुंचा और बोला कि प्रभु इस दुनिया में मेरी क्या कीमत है। मुझे यह जीवन आखिर क्यों मिला है। इस पर भगवान बुद्ध ने उसे एक पत्थर देते हुए कहा कि जाओ पहले तुम इस पत्थर का मूल्य पता करके आओ। लेकिन इसे बेचना मत।
वह व्यक्ति उस पत्थर को लेकर बाजार में गया तो उसे एक आम बेचने वाला मिला। उसने आम वाले को वह पत्थर दिखाया और पूछा कि इसकी कीमत क्या है। इस पर आम वाला बोला कि कुछ खास तो नहीं लग रहा लेकिन इसके बदले में दस आम आपको दे दूंगा। यह सुनकर वह व्यक्ति आगे बढ़ गया।<...Read More
बहानेबाजी नहीं, कंपनी को चाहिए रिजल्ट
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Friday, 30 December 2016 11:51 AM
Kanhaiya Jee
बहुत पहले की बात है. एक बार एक लकड़हारा लकड़ी के व्यापारी के पास काम मांगने गया. वह अपने काम में बहुत दक्ष था, इसलिए उसे नौकरी भी तुरंत मिल गयी. व्यापारी ने उसे अच्छी सैलरी पर काम पर रख लिया और काम करने की उसकी शर्ते भी मान लीं. लकड़हारा खुश हुआ. मन ही मन उसने यह सोच लिया था कि वह अपना बेस्ट देगा. व्यापारी ने उसे कुल्हाड़ी देते हुए बताया कि उसे कहां काम करना है. पहले दिन
लकड़हारा 18 पेड़ काट कर लाया. व्यापारी बहुत खुश हुआ और उसे बधाई भी दी. बॉस की बातो से लकड़हारा काफी प्रेरित हुआ और अगले ...Read More
जरूरी नहीं कि मदद करनेवाला आपका दोस्त ही हो
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Monday, 26 December 2016 04:14 PM
kanhaiya jee
गरमी से परेशान एक पक्षी ने ठंडे स्थान पर जाने के लिए दक्षिण की ओर उड़ान भरी. वहां काफी ठंड थी. ठंड इतनी जबरदस्त थी कि वह पक्षी नीचे गिर पड़ा और बिल्कुल बर्फ की तरफ जम गया. वह जमीन पर बेहोश पड़ा थी कि एक गाय ने उसके ऊपर गोबर कर दिया. शरीर के ऊपर गोबर पड़ने से पक्षी को गरमाहट का एहसास हुआ. उसे होश आ गया. वह बहुत खुश था और खुशी में उसने चहकना शुरू कर दिया. पास से एक बिल्ली गुजर रही थी. उसके कानों में भी उस पक्षी की चहचाहट सुनायी दी. उसने इधर-उधर ढूंढ़ना शुरू किया. उसने देखा कि एक पक्षी गाय के ...Read More
समाज मे फैला हुआ भ्रष्टाचार
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Friday, 09 September 2016 02:07 PM
Nagma
भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट + आचार । भ्रष्ट यानी बुरा या बिगड़ा हुआ तथा आचार का मतलब है आचरण। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो। जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरूद्ध जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भष्टाचारी कहलाता है। आज भारत जैसे सोने की चिड़िया कहलाने जाने वाले देश में भ्रष्टाचार अपनी जड़े फैला रहा है। आज भारत में ऐसे कई व्यक्ति मौजूद है जो भ्रष्टाचारी हैं। आज पूरी दुनिया में भारत भ्रष्टाच...Read More
भारत में बेरोज़गारी की समस्या
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Friday, 09 September 2016 02:05 PM
Nagma
बेरोजगारी/बेकारि से तात्पर्य उन लोगो से है, जिन्हे काम नही मिलता ना कि उन लोगो से जो काम करना नही चाहते। यहां रोजगार से तात्पर्य प्रचलित मजदूरी की दर पर काम करने के लिए तैयार लोगो से है। यदि किसी समय किसी काम की मजदूरी 110 रूपय रोज है और कुछ समय पश्चात इसकी मजदूरी घटकर 100 रूपय हो जाती है और व्यक्ति इस कीमत पर काम करने के लिए तैयार नही है तो वह व्यक्ति बेरोजगार की श्रेणी मे नहीं आएगा। इसके अतिरिक्त बच्चे, बुड़े, अपंग, वृद्ध या साधू संत भी बेरोजगारी की श्रेणी मे नहीं आते। अगर हम बहुत ही सरल शब्दो ...Read More
माँ मुझे भी जीना है।
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Tuesday, 06 September 2016 12:17 PM
City Web
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आंदोलन से लेकर नीतिगत रूप से रंग भेद का मुखर विरोध होने में सफल रहा है। परन्तु जिस प्रकार वर्ण व्यवस्था की मज़बूत दीवारे आज भी समाज मे है और समाज को प्रभावीत कर रही है उसी प्रकार लिंग भेद की भावना के चलते ही भ्रूण हत्या के विरूद्ध भारत सरकार को कानून बनाने के लिए मज़बूर होना पड़ा है। काश गर्भस्थ शिशु बोल सकता, यदि वह बोलता तो शायद वह अपने शरीर को चीरतें औजारों को रोक सकता और कहता माँ, मुझे भी जीना है।‘ लेकिन शायद उस वक्त भी उसकी आवाज को वो निर्दयी माँ-बाप नहीं सुन पात...Read More
कंप्यूटर में बनाएं बेहतर करियर
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Monday, 05 September 2016 05:28 PM
Nitin Kumar Sharma

कंप्यूटर में बनाएं बेहतर करियर
कंप्यूटर के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों और पैसे की कमी नहीं है लेकिन क्या जानते हैं कि 12वीं के बाद भी इस क्षेत्र में दक्षता हासिल कर आप शानदार करियर का रास्ता तैयार कर सकते है। प्रायः यह कहा जाता है कि इस क्षेत्र में सिर्फ आईआईटी या ऊंचे इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़कर ही नौकरी मिल सकती है, लेकिन सच यह है कि 12वीं पास करने के तुरंत बाद कंप्यूटर की दुनिया आपके लिए एक बेहतर क्षेत्र हो सकता है। यहां आपके लिए विकल्पों की भरमार है जिसमें हार्डवेयर और...Read More
मार्बल और मूर्ति
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Sunday, 03 July 2016 12:53 PM
yogesh joshi
एक ट्रक में मारबल का सामान जा रहा था, उसमे टाईल्स भी थी , और भगवान की मूर्ती भी थी ...!! रास्ते में टाईल्स ने मूर्ती से पूछा .. "भाई ऊपर वाले ने हमारे साथ ऐसा भेद-भाव क्यों किया है?" मूर्ती ने पूछा, "कैसा भेद भाव?" टाईल्स ने कहा, "तुम भी पथ्थर मै भी पथतर ..!! तुम भी उसी खान से निकले , मै भी.. तुम्हे भी उसी ने ख़रीदा बेचा , मुझे भी.. तुम भी मन्दिर में जाओगे, मै भी ... पर वहां तुम्हारी पूजा होगी ... और मै पैरो तले रौंदा जाउंगा.. ऐसा क्यों?" मूर्ती ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया, "तुम्हे जब तराशा गया...Read More
आपके ATM में छिपा है कुछ ऐसा जो आपको पता नहीं ,देखिए तो जरा
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Sunday, 19 June 2016 05:07 PM
Yuvraj Rathore
जो एटीएम कार्ड आपकी जेब में है उसका पैसा निकालने, ट्रांसफर करने के अलावा भी कई लाभ हैं। इस एटीएम कार्ड में दुर्घटना बीमा का लाभ छिपा होता है। यह बीमा, बैंकों की ओर से दिया जाता है। बीमा की जागरूकता को लेकर बैंक अक्सर किनारा करते हैं। लिहाजा, ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।

किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक का एटीएम आपके पास है तो आपका उस बैंक में अपने आप ही दुर्घटना बीमा हो जाता है। यह बीमा 25,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का होता है। इस योजना को शुरू हुई कई साल हो गए हैं,...Read More
विटामिन डी की कमी के 5 लक्षण । जरूर जानिए
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Tuesday, 14 June 2016 01:32 PM
Nitin Kumar Sharma

यदि आप दूध से परहेज करते है और सही मात्रा मैं धुप भी नहीं लेते तो आपको कैल्शियम के साथ साथ विटामिन डी की कमी हो सकती है । और ये आपके लिए और भी गम्भीर है अगर आप शाकाहारी है । क्युओंकी फिर आपके पास सीमित विकल्प ही मौजूद है । विटामिन डी की कमी से गम्भीर स्वस्थ समस्याँ हो सकती है । विटामिन डी की कमी से होनी वाली 5 समस्याएं :

1- हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर - यदि आप हड्ड‍ियों में दर्द व कमजोरी के साथ ही मांसपेशि‍यों में लगातार दर्द महसूस कर रहे हैं, तो यह विटामिन डी की ...Read More

गर्मियों में त्वचा और बालों को धूप से बचाने के लिए इन उपायों को अपनाएं
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Sunday, 29 May 2016 05:13 PM
Yuvraj Rathore
चिलचिलाती गर्मियों में सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलट किरणें त्वचा और बालों को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इनसे बचने के लिए सावधानी जरूरी है।
मेकअप विशेषज्ञों के अनुसार इसके लिए कुछ उपाय इस प्रकार हैं-
गर्मियों के महीनों में अपनी त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए उसे नमी और पोषण देना जरूरी है। इसके लिए अपने पास एक स्प्रे रखें, खासतौर पर जब आप बाहर निकलें। एसेंस स्प्रे आपकी त्वचा के पीएच को संतुलित रखने में मदद करेगा और साथ ही यह त्वचा में नमी के स्तर को बनाए रखकर त्वचा को नर्म और...Read More
मोल-भाव - अब मै तुमसे ही फल खरीदूंगा
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Thursday, 21 April 2016 10:29 AM
yogesh
ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया,
पत्नी ने कहा था,१ दर्ज़न केले लेते आना।
तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए
एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी।
वैसे तो वह फल हमेशा "राम आसरे फ्रूट भण्डार" से ही लेते थे,
पर आज उन्हें लगा कि क्यों न बुढ़िया से ही खरीद लूँ ?
उन्होंने बुढ़िया से पूछा, "माई, केले कैसे दिए"
बुढ़िया बोली, बाबूजी बीस रूपये दर्जन,
शर्माजी बोले, माई १५ रूपये दूंगा।
बुढ़िया ने कहा, अट्ठ...Read More
जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग
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Wednesday, 24 February 2016 08:14 PM
Nitin Kumar Sharma
एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों और ज्योतिष प्रेमियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि
"मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना , किन्तु उसी घड़ी मुहूर्त में अनेक जातकों ने जन्म लिया होगा जो राजा नहीं बन सके क्यों ? इसका क्या कारण है ?
राजा के इस प्रश्न से सब निरुत्तर होगये. क्या जबाब दें कि एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके भाग्य अलग अलग क्यों हैं । सब सोच में पड़ गये । अचानक एक वृद्ध खड़े हुये और बोले महाराज की जय हो !
आपके प्...Read More
साधारण सी दिखने वाली चीज असाधारण प्रसिद्धि पाती है
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Wednesday, 24 February 2016 08:07 PM
Nitin Kumar Sharma
एक दिन मैं एक म्यूजियम में एक कलाकृति को देख् रहा था ,वह् आड़े तिरछी सी लकीरों का एक समूह सा दिखाई दे रही थी / मैंने उसे देखा और सोचा कि इतने ऐतिहासिक म्युजियम में इस तस्वीर का क्या काम ? और वह् भी लाखों रुपयों में... पर ,इससे तो लाख गुना सुंदर तस्वीर जमीन पर रख कर बेचने वालो पर चंद पैसो में मिल जाती हैं... कैसी नाइंसाफि है,...कलाकार और कला दोनों के साथ .....तभी तस्वीर में से आवाज आयी कि ..... कई बार साधारण सी दिखने वाली चीज असाधारण प्रसिद्धि पाती है और असाधारण गुम् नामी के अंधेरों में खो जा...Read More
कहीं मंदिर बना बैठे ,कहीं मस्जिद बना बैठे
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Wednesday, 24 February 2016 08:00 PM
Nitin Kumar Sharma
मैंने एक पोस्ट पढी थी,इन हालातों में मुझे वह याद आ रही है..."कहीं मंदिर बना बैठे ,कहीं मस्जिद बना बैठे । हमसे तो जात अच्छी है परिंदों की,कभी मंदिर पर जा बैठे तो कभी मस्जिद पर जा बैठे।"
...... हम शायद एक दुसरे से नहीं सीख सकते तो पशु पक्षिओं से ही कुछ सीख लें। जो अपना हित अहित तो पहचानते हीं हैं,और हमको भी जीने की कला सिखाते हैं। क्योकिं हमारे क्रिया कलाप तो मरने के हीं हैं। कोई भी धर्म या पंथ अशांति की शिक्षा नहीं देता है यदि देता है तो वह धर्म ही नहीं।क्योकिं धर्म तो जीओ और जीने की ...Read More
विद्वत्ता का घमंड
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Wednesday, 24 February 2016 07:54 PM
Nitin Kumar Sharma
विद्वत्ता का घमंड
महाकवि कालिदास के कंठ में साक्षात सरस्वती का वास था. शास्त्रार्थ में उन्हें कोई पराजित नहीं कर सकता था. अपार यश, प्रतिष्ठा और सम्मान पाकर एक बार कालिदास को अपनी विद्वत्ता का घमंड हो गया
उन्हें लगा कि उन्होंने विश्व का सारा ज्ञान प्राप्त कर लिया है और अब सीखने को कुछ बाकी नहीं बचा. उनसे बड़ा ज्ञानी संसार में कोई दूसरा नहीं. एक बार पड़ोसी राज्य से शास्त्रार्थ का निमंत्रण पाकर कालिदास विक्रमादित्य से अनुमति लेकर अपने घोड़े पर रवाना हुए
गर्मी का मौसम था....Read More
सभी को आत्ममंथन और गहन चिंतन की आवश्यकता
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Wednesday, 24 February 2016 07:47 PM
Nitin Kumar Sharma
आज हम सभी को आत्ममंथन और गहन चिंतन की आवश्यकता है..जातपात, छुआछात,धार्मिक संकीर्णता,आरक्षण,सम्प्रदाय वाद को त्यागकर विकास , उन्नति , गुणवत्ता और राष्ट्रवाद को वरीयता देनी चाहिए ।
यह बात बौद्धिक वर्ग ,नेता ,शासक वर्ग,सरकार के पक्ष और विपक्ष और सरकार को अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए।और इस पर क्रिया करनी चाहिए और एकमत होकर नियम और कानून बनाने चाहिए।आमजन तो अपना हित चाहता है परंतु उसे यह ज्ञात नहीं होता कि हित कैसे हो,जिसे प्राप्त करने के लिए वह अपनी सोच और बुद्धि के अनुसार कभी कभी गलत रास्ते का भी ...Read More
Online Learning in Higher Education
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Wednesday, 27 January 2016 12:53 PM
Sona Arora
Higher education in the United States, especially the public sector, is increasingly short of resources. States continue to cut appropriations in response to fiscal constraints and pressures to spend more on other things, such as health care and retirement expenses. Higher tuition revenues might be an escape valve, but there is great concern about tuition levels increasing resentment among students and their families and the attendant political reverberations. President Obama has decried rising ...Read More
हिंदू धर्म
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Friday, 01 January 2016 01:59 PM
Robin
हिन्दू धर्म का इतिहास अति प्राचीन है। इस धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है, क्योंकि वैदिक काल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है। यहां शताब्दियों से मौखिक परंपरा चलती रही, जिसके द्वारा इसका इतिहास व ग्रन्थ आगे बढ़ते रहे। उसके बाद इसे लिपिबद्ध करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। हिन्दू धर्म के सर्वपूज्य ग्रन्थ हैं वेद। वेदों की रचना किसी एक काल में नहीं हुई। विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल का आरंभ ४५०० ई.पू. से माना है। यानि यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: पहले वेद को तीन भागों में संक...Read More
सर्दियों में खाएं गुड़, इसके हैं अनेक फायदे
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Saturday, 21 November 2015 11:57 AM
Yogesh Joshi
गुड़ को प्राकृतिक मिठाई के तौर पर जाना जाता है। गुड़ में कई ऐसे लाभकारी गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। गुड़ स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है। सर्दियों में गुड़ की मांग बढ़ जाती है और लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं। यहां हम आपको गुड़ के कुछ फायदे बता रहे हैं।
- गुड़ मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। गुड़ खाने से मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है।
-गुड़ पोटेशियम का भी एक अच्छा स्रोत है। इससे रक्तचाप को नियंत्रित बनाए रखने में ...Read More
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