बहुत पहले की बात है. एक बार एक लकड़हारा लकड़ी के व्यापारी के पास काम मांगने गया. वह अपने काम में बहुत दक्ष था, इसलिए उसे नौकरी भी तुरंत मिल गयी. व्यापारी ने उसे अच्छी सैलरी पर काम पर रख लिया और काम करने की उसकी शर्ते भी मान लीं. लकड़हारा खुश हुआ. मन ही मन उसने यह सोच लिया था कि वह अपना बेस्ट देगा. व्यापारी ने उसे कुल्हाड़ी देते हुए बताया कि उसे कहां काम करना है. पहले दिन
लकड़हारा 18 पेड़ काट कर लाया. व्यापारी बहुत खुश हुआ और उसे बधाई भी दी. बॉस की बातो से लकड़हारा काफी प्रेरित हुआ और अगले दिन यह सोच कर गया कि आज और भी अच्छा काम करेगा. लेकिन दूसरे दिन वह केवल 15 पेड़ ही काट सका. तीसरे दिन उसने और ज्यादा मेहनत की, लेकिन केवल 10 पेड़ ही काट सका. दिन-ब-दिन उसकी क्षमता घटती गयी. लकड़हारे ने सोचा, मेरी क्षमता कम होती जा रही है. वह व्यापारी के पास गया और उससे माफी मांगते हुए कहने लगा कि पता नहीं क्यो ऐसा हो रहा है कि मेरी क्षमता घटती जा रही है. व्यापारी ने उससे एक ही सवाल किया- अंतिम बार तुमने अपनी कुल्हाड़ी में कब धार लगायी थी? लकड़हारा बोला, धार..मेरे पास कुल्हाड़ी में धार लगाने का समय ही नहीं था. मैं तो पेड़ काटने में ही व्यस्त रहा.
जॉब मार्केट में जिस तेजी से बदलाव हो रहे हैं, उसमें आपका अपने क्षेत्र की स्किल्स में अपडेट रहना बेहद जरूरी है. कंपनियां सब कुछ देने के लिए आज तैयार हैं, लेकिन वह परफॉरमेंस से समझौता करना नहीं चाहतीं. बहानेबाजी की कोई जगह नहीं है. कंपनी को आपसे रिजल्ट चाहिए. ज्यादातर फ्रेशर्स को इन सबसे काफी परेशानी होती है. उन्हें लगता है कि उनके सारे सपने इतनी आसानी से पूरे नहीं होगे. कंपनी उनसे ज्यादा से ज्यादा रिजल्ट की उम्मीद करती है, जिससे उन्हें अपनी स्किल्स कम नजर आने लगती हैं. ऐसे में तनाव में आने की बजाय खुद को अपडेट करना ज्यादा जरूरी है.
आज जब चार से पांच साल में पीढ़ियां बदल जाती हैं, तो किसी भी फील्ड में सालों पहले हासिल ज्ञान के बल पर पूरे कैरियर में आप कैसे बेहतर परफॉरमेंस की उम्मीद कर सकते हैं. बेहतर परफॉरमेंस के दबाव को हल्का करने के लिए जरूरी है कि आप अपने नॉलेज और स्किल्स को अपडेट करते रहें, तभी समय की दौड़ में पिछड़ने से भी बचे रहेंगे. लगातार अच्छे परफॉरमेंस के लिए जरूरी है कि आपमें वह स्किल हो, जो कंपनी की जरूरत को पूरी कर सके. चूंकि जरूरत भी बदलती रहती है, इसलिए इस मामले में आपका अपडेट रहना भी जरूरी है. और हां, यह कोई मुश्किल भी नहीं, बस दृष्टिकोण सही हो और मन में सीखने की इच्छा हो।
ध्यान दें
-बेहतर परफॉरमेंस के लिए अपने नॉलेज और स्किल्स को अपडेट
करते रहें.
-समय और जरूरत के अनुसार बदलना जरूरी है और इस बदलाव का दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए।