जो एटीएम कार्ड आपकी जेब में है उसका पैसा निकालने, ट्रांसफर करने के अलावा भी कई लाभ हैं। इस एटीएम कार्ड में दुर्घटना बीमा का लाभ छिपा होता है। यह बीमा, बैंकों की ओर से दिया जाता है। बीमा की जागरूकता को लेकर बैंक अक्सर किनारा करते हैं। लिहाजा, ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।
किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक का एटीएम आपके पास है तो आपका उस बैंक में अपने आप ही दुर्घटना बीमा हो जाता है। यह बीमा 25,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का होता है। इस योजना को शुरू हुई कई साल हो गए हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है, क्योंकि बैंक कभी खुद ये जानकारी ग्राहकों को नहीं देते हैं।
स्कीम के मुताबिक आंशिक विकलांगता से लेकर मौत होने तक अलग-अलग तरह के मुआवजे का प्रावधान है। खास बात यह है कि एटीएम धारक को इसके लिए अलग से कोई पैसा भी जमा नहीं करना होता है।
एटीएम कार्ड अगर आपके पास है तो स्वत: ही आपको इसका लाभ मिल जाएगा। अगर किसी भी एटीएम कार्ड धारक की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को बैंक की ओर से मुआवजा राशि दी जाती है।
छात्रों के लिए मित्र कार्ड पर 25,000 रुपये, मास्टर कार्ड धारक या किसान डेबिड कार्ड धारक को 50,000 रुपये, प्लेटिनम/गोल्ड कार्ड/रक्षक क्लासिक के लिए दो लाख रुपये और रक्षक प्लेटिनम कार्ड के लिए पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलता है।
यह प्रमाण देने जरूर: एफआईआर की कॉपी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट या मेडिकल रिपोर्ट या पुलिस पंचनामा, डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी, अगर मरने वाला व्यक्ति गाड़ी चलाते वक्त हादसे का शिकार हुआ है तो उसके ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी भी देनी होगी।
सरकार के नियमों के हिसाब से कार्ड धारक के परिजन अगर दावा पेश करते हैं तो उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति की मौत के बाद परिजन बैंक जाएं और बैंक मुआवजा देने से इंकार करे तो उसकी शिकायत की जा सकती है। साथ ही उपभोक्ता फोरम में भी वाद दायर कर सकते हैं।
बैंकों में एटीएम पर दुर्घटना बीमा मुआवजा देने का प्रावधान है। इस बीमे के लिए ग्राहक से अलग से कोई चार्ज नहीं लगता। दुर्घटना होने के 45 दिन के भीतर उन्हें यह क्लेम दिया जाता है। जरूरी है कि परिजन आवश्यक दस्तावेज लेकर आएं।
- अनिल कुमार खोसला, मंडल प्रमुख, पंजाब नेशनल बैंक