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रफ्तार तभी अच्छी लगती है जब उसकी जरूरत हो
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Friday, 21 April 2017 04:54 PM Posted By - Er. Kanhaiya Yadav

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  • आपने गौर किया होगा कि आपके ऑफिस में अक्सर तेज गति से काम निबटा लेने की कला में माहिर लोगों की तारीफ होती है. यह सब देख-सुन कर आपको लगता होगा कि सभी को तेजी से काम निबटाने चाहिए. एक जमाना था, जब आप-हम हर काम तसल्ली से किया करते थे, पर अब प्रतिस्पर्धा का जमाना है. आगे बढ़ने की होड़ है. इस कंपीटीशन के दौर में जो जितनी जल्दी काम कर रहा है, उसे सफलता का उतना ही बड़ा तमगा दिया जा रहा है. अगर आपको भी अपने जॉब में रफ्तार पसंद है, तो एक सीमा तक तो यह ठीक है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि क्या लांग टर्म में इस रफ्तार से आपको फायदा होगा? कहीं रफ्तार के चक्कर में आप कुछ खो तो नहीं रहे हैं. अक्सर अपनी नौकरी में रफ्तार के शौकीन चीजों को पूरी तरह से समझ नहीं पाते हैं. सिर्फ टारगेट पूरा करने की ललक रखते हैं, न कि उसे अच्छी तरह से समझने की. उम्मीद रहती है कि वे सफल होंगे, पर हमेशा ऐसा नहीं होता, जैसा आप सोचते हैं. तेजी से काम निबटाने के चक्कर में गलतियां होने की संभावना ज्यादा रहती है. फैसला आपको करना है कि आपकी प्राथमिकता क्या है? ऐसा कैरियर, जिसमें हर काम तेजी से तो पूरा हो रहा हो, पर गड़बड़ियों के साथ या फिर आप सुकून के साथ हर चीज को करना चाहेंगे. रफ्तार भरी जिंदगी में आप किसी चीज की गहराई में जाने की बजाय बस अपने उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं. आपका एकमात्र लक्ष्य यही होता है कि कैसे जल्दी से जल्दी हाथ में आये काम को खत्म किया जाये. इससे आप सूक्ष्मता को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके कारण काम में परफेक्शन नहीं आ पाता. छोटी-छोटी चीजों पर गौर करने से ही दिमाग का विकास हो पाता है. रफ्तार तभी अच्छी लगती है, जब उसकी जरूरत हो. रफ्तार को आदत बना लेना आपके लिए खतरनाक हो सकता है. समय आपके पास भी दूसरे सभी लोगों के बराबर है. हर पहलू पर विचार करने की आदत डाल लें, तो आपको न तो काम से थकान होगी और न टेंशन. बात पते कीः-छोटी-छोटी चीजों पर गौर करने से ही दिमाग का विकास हो पाता है. रफ्तार को आदत बना लेना आपके लिए खतरनाक हो सकता है. -हर पहलू पर विचार करने की आदत डाल लें, तो आपको न तो काम से थकान होगी और न टेंशन.

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